केदार यात्रा से पहले सहारनपुर में अन्तिम दिन (6)
अच्छा लिखना और लगातार लिखना मेरे जैसे प्रथम बार के लेखक के लिए बहुत मुश्किल हो जाता है। जैसे मै जब केदार यात्रा से आया तो पूर्ण रूप से पवित्र था। पर जैसे जैसे भौतिक दुनिया में रमता रहा मेरी पवित्रता समाप्त होती रही। अब मुझ जैसे नए नवेले ब्लॉग लेखक जिसे कभी कभार यही नहीं पता होता की वो ब्लॉग लिख क्यों रहा है तो बहुत मुश्किल हो जाती है। कभी लगता है जल्दी से ब्लॉग लिख डालूँ कम से कम…